रिश्ता तुमसे तो है न कोई बतला दो यह क्या कहलाता है।। रिश्ता तुमसे तो है न कोई बतला दो यह क्या कहलाता है।।
खुशियां मेरी खिल के गुल बनी फिर गुल शान हो गई! खुशियां मेरी खिल के गुल बनी फिर गुल शान हो गई!
बस एक दिल में खुशी नहीं थी जब मिले दिल तो खुशी निकली ! बस एक दिल में खुशी नहीं थी जब मिले दिल तो खुशी निकली !
लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है। लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है।
मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता! मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता!
मेरे दिल का हर राज़ लेते हुए नील स्याह बन गिरते। मेरे दिल का हर राज़ लेते हुए नील स्याह बन गिरते।